हमारे हिंदू शास्त्रों के अनुसार किसी भी देवी या देवता की पूजा अर्चना या आराधना करने से पहले उनकी स्तुति द्वारा उनका स्मरण किया जाए तो पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है । श्री हनुमान की पूजा करने से पहले हनुमान स्तुति मंत्र का हमेशा जब करना चाहिए। हनुमान स्तुति मंत्र से हम श्री हनुमान जी की शक्तियों का स्मरण करते हैं ।
भगवान बजरंग बली जी की यह छोटी सी स्तुति नित्य पढ़िए प्रभु की कृपा से सदा मंगल होगा
एक बार देवराज इंद्र के वज्र के प्रहार से हनुमान जी की थुद्दी जिसे संस्कृत में हनु भी कहते हैं वह टूट गई थी, इसी वजह से उनका नाम हनुमान रखा गया, और सिर्फ हनुमान ही नहीं इनके और अनेकों नाम प्रसिद्ध हैं जैसे कि संकट मोचन, केसरी नंदन, बजरंगबली, पवन पुत्र, शंकर सुमन, अंजनी सुत, महावीर, कपीश आदि ।
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा। शत्रु संहार के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप किया जाता है।
अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं श्री हनुमान –
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वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥
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Bhagavaan hanumaan ko us shakti aur saahas ke lie bhee pujaa jaataa hai jo vah apane bhakton ko pradaan karate hain. Bhakt unakaa aasheervaad lene ke lie hanumaan Mantra kaa jaap karate hain. Bhagavaan hanumaan ke kuchh Mantra bahut lokapriy hain kyonki in Mantraon ko atyadhik prabhaavee maanaa jaataa hai.
वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥
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Iravan was a terrific warrior and experienced no challenge with that, read more but he was unmarried and did not wish to die a bachelor. That's why, he set forth his wish ahead of Lord Krishna that he planned to marry right before his Dying.
प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।